बिहार में तकनीकी विकास:
बिहार में तकनीकी क्षेत्र में धीरे-धीरे विकास हो रहा है। सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी से राज्य में आईटी, स्टार्टअप्स, कृषि तकनीक, औद्योगिकीकरण, शिक्षा और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार में आईआईटी, पॉलिटेक्निक संस्थान, कृषि अनुसंधान केंद्र और डिजिटल इंडिया मिशन जैसी पहलें तकनीकी विकास को गति दे रही हैं।
बिहार में तकनीकी शिक्षा और विकास
बिहार, जो कभी प्राचीन काल में नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्व प्रसिद्ध शिक्षा केंद्रों का गढ़ था, आज तकनीकी शिक्षा और विकास के क्षेत्र में भी प्रगति की ओर बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने और राज्य में तकनीकी आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यहाँ इसकी विस्तृत जानकारी दी जा रही है:
तकनीकी शिक्षा के प्रमुख संस्थान
- आईआईटी पटना (Indian Institute of Technology, Patna)
- स्थापना: 2008
- स्थान: बिहटा, पटना
- यह बिहार का सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान है, जो इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और शोध प्रदान करता है।
- हाल के वर्षों में यहाँ स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर भी शुरू किया गया है।
- एनआईटी पटना (National Institute of Technology, Patna)
- स्थापना: 1886 (पहले बिहार स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के रूप में, बाद में एनआईटी बना)
- स्थान: पटना
- यह भारत के सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। यहाँ सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे पारंपरिक इंजीनियरिंग कोर्स के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी कोर्स भी उपलब्ध हैं।
- आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (Aryabhatta Knowledge University)
- स्थान: पटना
- यह विश्वविद्यालय तकनीकी, चिकित्सा, और व्यावसायिक शिक्षा के लिए स्थापित किया गया है। यह राज्य के कई इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को संबद्ध करता है।
- पॉलिटेक्निक संस्थान
- बिहार में हर जिले में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थापित किए गए हैं, जो डिप्लोमा स्तर की तकनीकी शिक्षा प्रदान करते हैं। इनका उद्देश्य स्थानीय युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस करना है।
- अन्य संस्थान
- बिहार में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) मेसरा का एक एक्सटेंशन सेंटर पटना में है।
- कई निजी इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे एमआईटी मुजफ्फरपुर और बीसीई भागलपुर भी तकनीकी शिक्षा में योगदान दे रहे हैं।
तकनीकी शिक्षा में सुधार के प्रयास
- शिक्षक भर्ती: बिहार सरकार ने हाल ही में तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती शुरू की है। उदाहरण के लिए, 2023-24 में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से हजारों शिक्षकों की भर्ती की गई, जिसमें कंप्यूटर और तकनीकी विषयों के शिक्षक शामिल हैं।
- मिशन दक्ष: कमजोर छात्रों को तकनीकी विषयों में बेहतर करने के लिए विशेष कक्षाएँ शुरू की गई हैं।
- डिजिटल शिक्षा: स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार शिक्षा विभाग ने “बिहार कृषि” जैसे ऐप भी लॉन्च किए हैं, जो तकनीक के उपयोग को दर्शाते हैं।
तकनीकी विकास और निवेश
- आईटी नीति 2024: नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई आईटी नीति शुरू की है। इसके तहत 4000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिससे लगभग 42,000 नौकरियों के सृजन की संभावना है।
- टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर: केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) ने दरभंगा, सारण, रोहतास, राजगीर, और पूर्णिया में नए तकनीकी केंद्र खोलने की मंजूरी दी है। ये केंद्र युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण और उद्यमिता के अवसर प्रदान करेंगे।
- स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग: बिहार ने इस क्षेत्र में डिजिटेक अवार्ड जीता है, जो तकनीकी नवाचार का प्रतीक है।
- औद्योगिक विकास: बरौनी और हटिया जैसे क्षेत्रों में तकनीकी आधारित उद्योगों को पुनर्जनन दिया जा रहा है।
चुनौतियाँ
- रोजगार की कमी:बिहार में तकनीकी शिक्षा के संस्थान हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर आईटी और तकनीकी नौकरियों की कमी के कारण युवाओं को बंगलुरु, हैदराबाद जैसे शहरों में पलायन करना पड़ता है।
- बुनियादी ढाँचा: कई ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी तकनीकी शिक्षा के लिए संसाधनों और इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी है।
- गुणवत्ता: कुछ संस्थानों में शिक्षकों की कमी और पुराने पाठ्यक्रम तकनीकी प्रगति में बाधा डालते हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
बिहार में तकनीकी शिक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से स्टार्टअप इकोसिस्टम, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, और कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। अगर ये प्रयास सही दिशा में जारी रहे, तो बिहार आने वाले वर्षों में तकनीकी हब के रूप में उभर सकता है।