भागलपुर: बिहार का रेशमी शहर
भागलपुर बिहार का एक ऐतिहासिक और औद्योगिक जिला है, जो रेशम उत्पादन, गंगा नदी, ऐतिहासिक धरोहरों और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। इसे “सिल्क सिटी” (Silk City) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ का तसर रेशम (Tussar Silk) पूरी दुनिया में मशहूर है।
1. भागलपुर का इतिहास
✅ प्राचीन काल में भागलपुर अंग महाजनपद का हिस्सा था, जिसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।
✅ यह कर्ण (अंगराज कर्ण) की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध था।
✅ पाल वंश और गुप्त वंश के समय यह शिक्षा और व्यापार का प्रमुख केंद्र था।
✅ ब्रिटिश शासन के दौरान यह भारत का प्रमुख रेशम और व्यापारिक केंद्र बन गया।
2. भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या
✅ स्थिति: बिहार के पूर्वी भाग में, गंगा नदी के किनारे।
✅ क्षेत्रफल: 2,570 वर्ग किलोमीटर।
✅ जनसंख्या: लगभग 35 लाख (2021 का अनुमान)।
✅ नदियाँ: गंगा, कोसी और चानन नदी।
✅ जलवायु: गर्मियों में गर्म और सर्दियों में ठंडा।
3. भागलपुर की प्रमुख विशेषताएँ
(A) रेशम उद्योग
✅ भागलपुर का तसर सिल्क (Tussar Silk) भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।
✅ इसे “सिल्क सिटी ऑफ इंडिया” कहा जाता है।
✅ यहाँ के रेशमी वस्त्र दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, जापान, यूरोप और अमेरिका तक निर्यात होते हैं।
✅ भागलपुरी चादर और गमछा भी काफी प्रसिद्ध हैं।
(B) गंगा नदी और डॉल्फिन सफारी
✅ भागलपुर से होकर गंगा नदी बहती है, जिससे यह जिला कृषि और व्यापार के लिए समृद्ध है।
✅ विक्रमशिला डॉल्फिन सेंचुरी यहाँ स्थित है, जहाँ गंगा की दुर्लभ डॉल्फिन पाई जाती हैं।
✅ यह भारत की पहली डॉल्फिन संरक्षण परियोजना है।
(C) शिक्षा और विश्वविद्यालय
✅ टी.एम. भगत सिंह विश्वविद्यालय (TM Bhagalpur University) बिहार के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है।
✅ बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर: यह बिहार का एक प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय है।
✅ यहाँ कई प्रसिद्ध स्कूल और कॉलेज भी हैं।
4. प्रमुख पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल
(A) विक्रमशिला विश्वविद्यालय
✅ यह प्राचीन बौद्ध शिक्षा केंद्र था, जिसकी स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने की थी।
✅ यह नालंदा विश्वविद्यालय के बाद भारत का सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था।
✅ यहाँ दूर-दूर से विद्यार्थी अध्ययन करने आते थे।
(B) कुप्पा घाट (सुधीर घोष आश्रम)
✅ यह गंगा नदी के किनारे स्थित एक शांतिपूर्ण स्थान है।
✅ यहाँ श्रद्धालु ध्यान और पूजा करने आते हैं।
(C) बुढ़ानाथ मंदिर
✅ यह भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है, जिसे बिहार का “बाबा धाम” भी कहा जाता है।
✅ यहाँ सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं।
(D) मंदार पर्वत
✅ यह पर्वत हिंदू और जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण है।
✅ इसे “समुद्र मंथन” की पौराणिक कथा से जोड़ा जाता है।
✅ यहाँ एक प्राचीन जैन मंदिर भी स्थित है।
(E) कोल गांधी आश्रम
✅ यह महात्मा गांधी से जुड़ा एक ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ उन्होंने चंपारण सत्याग्रह के दौरान समय बिताया था।
5. भागलपुर का व्यापार और उद्योग
✅ रेशम उद्योग: यहाँ के रेशम उत्पाद पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।
✅ कृषि: यहाँ मुख्यतः धान, गेहूं, मक्का, मिर्च, आम और केला की खेती होती है।
✅ मछली पालन: गंगा नदी के किनारे होने के कारण यहाँ मछली पालन बहुत ज्यादा होता है।
✅ हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग भी यहाँ काफी प्रसिद्ध है।
6. भागलपुर का खान-पान
🍽 सिलाव खाजा: एक प्रसिद्ध मिठाई।
🍽 भागलपुरी पान: यह पूरे बिहार में प्रसिद्ध है।
🍽 झालमुड़ी और चूड़ा-दही: यह यहाँ का पसंदीदा नाश्ता है।
🍽 लिट्टी-चोखा: पूरे बिहार की तरह यह भी यहाँ काफी पसंद किया जाता है।
7. प्रमुख त्योहार और मेले
🎉 सावन महोत्सव: बुढ़ानाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं।
🎉 दुर्गा पूजा: पूरे जिले में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है।
🎉 छठ पूजा: गंगा नदी के किनारे यह पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है।
🎉 विक्रमशिला महोत्सव: यह एक सांस्कृतिक और पर्यटन से जुड़ा उत्सव है।
8. यातायात और कनेक्टिविटी
(A) रेल मार्ग
✅ भागलपुर जंक्शन बिहार के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है।
✅ यह पटना, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और गुवाहाटी से जुड़ा हुआ है।
(B) सड़क मार्ग
✅ भागलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-80, NH-31 और NH-33 से जुड़ा हुआ है।
✅ पटना, मुंगेर, पूर्णिया और कटिहार से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
(C) हवाई मार्ग
✅ निकटतम हवाई अड्डा पटना एयरपोर्ट (190 किमी दूर) है।
✅ प्रस्तावित भागलपुर हवाई अड्डा पर भी काम चल रहा है।
9. भागलपुर की चुनौतियाँ
❌ बाढ़ की समस्या (गंगा नदी के कारण)।
❌ यातायात और सड़कों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता।
❌ रेशम उद्योग को आधुनिक बनाने की जरूरत।
10. निष्कर्ष
भागलपुर बिहार का औद्योगिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यहाँ का रेशम उद्योग, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, मंदार पर्वत और गंगा डॉल्फिन सेंचुरी इसे पूरे भारत में प्रसिद्ध बनाते हैं। अगर बाढ़ नियंत्रण, बुनियादी ढांचे और पर्यटन स्थलों के रखरखाव पर ध्यान दिया जाए, तो यह बिहार के सबसे विकसित जिलों में शामिल हो सकता है।