बिहार की कला एवं संस्कृति

बिहार की कला और संस्कृति अत्यंत समृद्ध और विविधता से भरी हुई है। यह राज्य लोककला, लोकसंगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक शिल्प, भाषा, त्यौहार और साहित्य के मामले में पूरे देश में एक अनूठी पहचान रखता है। बिहार की संस्कृति यहाँ की प्राचीन सभ्यताओं, धार्मिक मान्यताओं और ऐतिहासिक परंपराओं से प्रभावित रही है।


🎭 बिहार की प्रमुख लोककला

1️⃣ मधुबनी पेंटिंग (Madhubani Painting)

  • यह कला मिथिला क्षेत्र (दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा) में प्रचलित है।
  • इसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है।
  • भगवान राम, कृष्ण, देवी-देवताओं, प्रकृति और सामाजिक विषयों को चित्रित किया जाता है।
  • इसे युनेस्को (UNESCO) ने भी मान्यता दी है।

2️⃣ मंजूषा कला (Manjusha Art)

  • यह भागलपुर की पारंपरिक चित्रकला है।
  • यह भगवान विषहरी (सर्प देवी) की पूजा से जुड़ी हुई है।
  • इसे “स्क्रॉल पेंटिंग” भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें पौराणिक कथाओं को स्क्रॉल के रूप में दर्शाया जाता है।

3️⃣ टिकुली कला (Tikuli Art)

  • यह पटना की प्रसिद्ध कला है।
  • इसमें कांच और लकड़ी पर सुंदर चित्र बनाए जाते हैं।
  • यह कला महिलाओं के गहनों और घर की सजावट में प्रयोग होती है।

4️⃣ पटना कलम चित्रकला (Patna Kalam Painting)

  • यह मुगल और ब्रिटिश काल में विकसित हुई चित्रकला है।
  • इसमें लघु चित्रकारी (Miniature Painting) की शैली देखने को मिलती है।

💃 बिहार के प्रमुख लोकनृत्य

1️⃣ झिझिया नृत्य

  • यह मिथिला क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
  • इसे स्त्रियाँ देवी दुर्गा की आराधना के लिए करती हैं।

2️⃣ झूमर नृत्य

  • यह बिहार-झारखंड के संथाल समुदाय का पारंपरिक नृत्य है।
  • इसे त्यौहारों और सामाजिक उत्सवों पर किया जाता है।

3️⃣ जट-जटिन नृत्य

  • यह उत्तर बिहार (कोशी क्षेत्र) का प्रसिद्ध नृत्य है।
  • इसमें पुरुष और महिला की जीवन की कठिनाइयों को नाटकीय रूप से प्रस्तुत किया जाता है।

4️⃣ चौसरिया नृत्य

  • यह चौसर (शतरंज) के खेल से प्रेरित नृत्य है।
  • इसे विशेष रूप से गाँव की महिलाएँ करती हैं।

🎶 बिहार का लोकसंगीत

1️⃣ सोहर गीत

  • यह बच्चे के जन्म और खुशी के अवसरों पर गाया जाता है।

2️⃣ कजरी गीत

  • यह श्रावण (सावन) महीने में गाया जाने वाला गीत है।
  • इसमें प्रकृति, प्रेम और वर्षा का वर्णन होता है।

3️⃣ चैती गीत

  • यह चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में गाया जाता है।
  • इसमें राम-सीता, कृष्ण-राधा और शिव-पार्वती के प्रसंग होते हैं।

4️⃣ विरहा गीत

  • यह प्रवासियों और बिछड़े हुए प्रेमियों की पीड़ा को दर्शाता है।
  • इसमें गंभीर और करुण भावनाएँ होती हैं।

5️⃣ भिखारी ठाकुर का बिदेसिया

  • यह भोजपुरी नाटक और संगीत का प्रसिद्ध रूप है।
  • भिखारी ठाकुर को “भोजपुरी का शेक्सपियर” कहा जाता है।

🛖 बिहार के पारंपरिक शिल्प (Handicrafts of Bihar)

1️⃣ भागलपुरी सिल्क (Tussar Silk)

  • भागलपुर को “सिल्क नगरी” कहा जाता है।
  • यहाँ का रेशमी कपड़ा भारत ही नहीं, विदेशों में भी प्रसिद्ध है।

2️⃣ सीकी कला (Sikki Art)

  • सीकी घास से बिहार की महिलाएँ सुंदर टोकरी, खिलौने और सजावटी सामान बनाती हैं।

3️⃣ लहठी (Lac Bangles)

  • मुंगेर और दरभंगा में बनी हुई लाख की चूड़ियाँ पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

🎉 बिहार के प्रमुख त्योहार

1️⃣ छठ पूजा

  • यह बिहार का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध त्यौहार है।
  • इसमें सूर्य देवता की पूजा की जाती है।
  • इसे कार्तिक महीने (अक्टूबर-नवंबर) में मनाया जाता है।

2️⃣ सामा-चकेवा

  • यह मिथिला क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्व है।
  • यह भाई-बहन के प्रेम से जुड़ा हुआ त्यौहार है।

3️⃣ जुड़शीतल

  • यह त्यौहार बिहार में नए साल का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है।
  • इसमें बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया जाता है।

4️⃣ मकर संक्रांति (तिल संक्रांति)

  • इस दिन खिचड़ी और तिल-गुड़ खाने की परंपरा है।
  • इसे दान-पुण्य का पर्व भी कहा जाता है।

5️⃣ नागपंचमी

  • इस दिन सर्प देवी (नागदेवता) की पूजा की जाती है।

📖 बिहार का साहित्य और भाषा

1️⃣ प्रमुख भाषाएँ

  • हिंदी (राजकीय भाषा)
  • भोजपुरी (पूर्वी और पश्चिमी बिहार)
  • मैथिली (मिथिला क्षेत्र)
  • मगही (मगध क्षेत्र)
  • अंगिका (भागलपुर क्षेत्र)

2️⃣ प्रसिद्ध साहित्यकार

नामक्षेत्र
विद्यापतिमैथिली कवि, “अभंग काव्य” के जनक
भिखारी ठाकुरभोजपुरी के प्रसिद्ध नाटककार
रामधारी सिंह दिनकरराष्ट्रकवि, हिंदी साहित्यकार
फणीश्वर नाथ रेणुप्रसिद्ध उपन्यासकार (“मैला आँचल”)
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेयप्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखक

📌 निष्कर्ष

बिहार की कला और संस्कृति अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। यहाँ के लोकगीत, लोकनृत्य, चित्रकला, शिल्पकला, त्यौहार और साहित्य पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। बिहार की संस्कृति यहाँ की ऐतिहासिक धरोहर, धार्मिक मान्यताओं और लोकपरंपराओं का अनूठा संगम है।

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